अगर ऐसा होगा Mindset तो जरूर बनेगे IAS:  संस्कृति IAS Coaching के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अखिल मूर्ति सर

IAS Coaching

UPSC सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने पर देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पद प्राप्त होते हैं। इसलिए आयोग उम्मीदवार से कुछ ख़ास अपेक्षाएं रखता है। परीक्षा का मकसद ऐसे उम्मीदवार को चयनित करना होता है, जो मिली जिम्मेदारी को बखूबी निभा सके। इस लेख में इन्हीं बारीकियों को समझेंगे। इस लेख के लिए जानकारी जुटाई है देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्कृति IAS Coaching के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अखिल मूर्ति सर से।

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आपको बता दें कि अखिल सर UPSC के अभ्यर्थियों को दो दशक से अधिक समय से पढ़ा रहे हैं। सर इतिहास विषय पढ़ाते हैं। संस्कृति IAS कोचिंग में आने से पहले दृष्टि IAS में पढ़ा रहे थे। वर्तमान में सर संस्कृति IAS के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। संस्कृति IAS दिल्ली के मुख़र्जीनगर से संचालित हो रही है, जिसकी एक शाखा प्रयागराज में भी है।

सर से पूछा कि UPSC परीक्षाओं के माध्यम से अभ्यर्थियों से क्या अपेक्षाएं रखता है?

सर कहते हैं कि इस परीक्षा को ऐसे डिज़ाइन किया गया है, जिसके माध्यम से प्रत्येक चरण में आयोग   योग्यताओं को परखते हुए तार्किक उम्मीदवारों का चयन करता है। क्यों न इन सभी योग्यताओं की पहचान कर उन्हें तैयारी के क्रम में विकसित कर लिया जाए।

UPSC सिविल सेवा परीक्षाओं में उम्मीदवार की तार्किक क्षमता की जाँच कैसे की जाती है?

सर ने बताया कि परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होती है, जिसके प्रत्येक चरण का विशिष्ट उद्देश्य है; जैसे-

  1. प्रारंभिक चरण में बौद्धिकता, तार्किकता एवं जागरूकता की जाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से की जाती है।
  2. द्वितीय चरण यानी मुख्य परीक्षा में विषय वस्तु की समझ, तार्किक अभिव्यक्ति, विश्लेषण क्षमता, नैतिकता आदि की जाँच लिखित माध्यम से की जाती है।
  3. अंतिम चरण यानी साक्षात्कार में व्यक्तित्व, तार्किक अभिव्यक्ति, धैर्य, सयंम आदि की जाँच की जाती है।

सर ने अभ्यर्थियों को आयोग की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने के टिप्स भी दिए, जो

  1. किसी भी प्रश्न का भावुक होकर उत्तर न दें
  2. जबाव देते समय या लिखते समय तटस्थ रहें
  3. लिखते या बोलते समय अपने वक्तव्यों को तर्क से साबित करें
  4. जब तक जोर न दिया जाए अपनी व्यक्तिगत राय देने से बचें
  5. आदर्श और यथार्थ में संतुलन बनाए रखें
  6. अपने जबाव में संदेहात्मक शब्द शामिल करने की कोशिश करें; जैसे- ‘शायद’, ‘हो सकता है’ आदि।

सर ने स्पष्ट किया कि UPSC परीक्षा ज्ञान के बिना उत्तीर्ण नहीं की जा सकती है लेकिन इस परीक्षा के लिए सिर्फ ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए तैयारी की रणनीति में उक्त बिन्दुओं को भी शामिल किया जाना चाहिए।

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